लखनऊ में एक बार फिर से ट्रेन को डिरेल करने की कोशिश की गई, जिसके बाद हड़ंकप मच गया है. बताया जा रहा है कि यहां रेलवे ट्रैक के ऊपर लकड़ी का बड़ा के गट्ठे को रखा गया था लेकिन, लोको पायलट की सूझबूझ से कोई बड़ा हादसा होने से बच गया. उसने समय रहते इसकी सूचना दी जिसके बाद वहां ट्रेन की आवाजाही को रोक दिया गया. ये घटना लखनऊ के मलीहाबाद थाना क्षेत्र की बताई जा रही है जहां ट्रेन को डिरेल करने के लिए रेलवे ट्रैक पर लड़की का गट्ठा रखा रखा गया था. ये लकड़ी उस वक्त डाली गई थी जब इस ट्रैक से गाड़ी संख्या 14236 बरेली वाराणसी गुजरनी थी. लेकिन, समय रहते लोको पायलट की नज़र उस पर पड़ गई और पायलट की सूझबूझ से कोई बड़ा हादसा होने से टल गया. लोकों पायलट ने लड़की देखते ही इमरजेंसी ब्रेक लगाया जिसके बाद लकड़ियां ट्रेन के इंजन में फंस गईं. 

आरपीएफ और पुलिस ने रेलवे ट्रैक से हटाई लकड़ियां और पत्थर
लोको पायलट ने तत्काल इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी जिसके बाद मौक़े पर पहुंची आरपीएफ और पुलिस की टीम ने ट्रैक से लड़कियों को हटाया. इसके चलते ट्रेन को चलने में कुछ देरी भी हो गई. बताया जा रहा है कि लकड़ियों के साथ ट्रैक पर कुछ पत्थर भी रखे गए थे. पुलिस ने इस मामले में रेलवे एक्ट 1989 में 151 व 153 में एफआईआर दर्ज कर ली है मामले की जांच की जा रही है. 

सेक्शन इंजीनियर की तहरीर पर मामला दर्ज
इस मामले पर जानकारी देते हुए डीसीपी वेस्ट ओमवीर सिंह ने बताया कि 24 अक्टूबर की रात को 12:00 बजे आरपीएफ अधिकारी ने मलीहाबाद थाने में सूचना दी कि मलीहाबाद से करीब एक किमी लखनऊ की तरफ रेलवे ट्रैक पर लकड़ी का गट्ठा पड़ा है. ये सूचना मिलते ही पुलिस और आरपीएफ की टीम मौके पर पहुंची और घटनास्थल का निरीक्षण किया गया है. मौके पर बबूल के पेड़ के एक मीटर का बड़ा टुकड़ा पड़ा हुआ था. जिसके बाद उसे हटाया गया और फिर से रेल सेवा संचालित की गई. इस मामले में शुक्रवार को सेक्शन इंजीनियर की तहरीर पर सुसंगत धाराओं में अभियुक्त पंजीकृत कर लिया गया है और वेस्ट जोन की क्राइम टीम को मामले के सफल अनावरण के लिए लगाया गया है, पुलिस इस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है.