वाराणसी । अपनी ही 16 वर्षीय बेटी के साथ दुष्कर्म और फिर दवा देकर गर्भपात कराने के दोषी पिता को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उस पर 3.15 लाख रुपये अर्थदंड भी लगाया। मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की कोर्ट ने घटना को समाज के लिए शर्मनाक बताते हुए दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट की छह अलग-अलग धाराओं में अधिकतम सजा आजीवन कारावास से दंडित किया। यह भी कहा कि दोषी को शेष जीवनकाल तक जेल में रखा जाय। कोर्ट ने उस पर 3.15 लाख रुपये अर्थदंड भी लगाया। इसमें से 2.50 लाख रुपये पीड़िता को दिए जाएंगे। अर्थदंड न अदा करने पर तीन महीने अधिक जेल में रहना होगा।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक शाहगंज थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता की मां ने 27 अप्रैल 2023 को तहरीर देकर अपने पति पर 16 वर्षीय सगी बेटी के साथ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। तहरीर में बताया कि पति अपनी बेटी के साथ डेढ़ साल से जबरन संबंध बना रहा है। इस बीच उसके गर्भवती होने पर 18 अप्रैल को दवा देकर गर्भपात करा दिया। पांच माह के भ्रूण को झाड़ियों में फेंक दिया। उसने पति के डर और लोकलाज से कहीं सूचना नहीं दी। 26 अप्रैल को फिर से बेटी के साथ दुष्कर्म किया। तहरीर पर पुलिस ने दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज कर विवेचना की। डीएनए टेस्ट रिपोर्ट और मेडिकल रिपोर्ट के साथ ही गवाहों का बयान लेने के बाद पर्याप्त सबूत एकत्रित कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई। अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, 10 गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने के बाद दोषी पिता को उम्रकैद और 3.15 लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।