इस्लामाबाद ।पाकिस्तानी सेना और शाहबाज सरकार बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हमले के मामले में घिरती दिख रही है। पाक सेना ने कहा है कि सफल ऑपरेशन चलाकर 36 घंटे से भी कम समय में सभी बंधकों को छुड़ाया गया है। इस ऑपरेशन के लिए शाहबाज सरकार ने भी अपनी सेना की जमकर तारीफ की है। हालांकि इसमें मरने वालों की संख्या पर कई सवाल उठ रहे हैं। ट्रेन हाईजैक करने वाले गुट बीएलए का कहना है कि 214 लोग मरे हैं। वहीं पाक सेना का कहना है कि इस हादसे में 26 लोगों की जान गई। लेकिन पाक सेना के बयान में कई झोल हैं, इसकारण सेना के दावों पर कई सवाल उठ रहे हैं। पाकिस्तान के पत्रकार और राजनीतिक टिप्पणीकार जो सवाल पूछ रहे हैं, उनका कोई जवाब फिलहाल पाक सेना के पास नहीं है।
भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त रहे अब्दुल बासित ने ट्रेन हाईजैक मुद्दे पर कहा है कि शाहबाज सरकार के बयान चीजों को साफ नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा, फौज ने बताया है कि ऑपरेशन में 339 लोग छुड़ाए गए हैं और 21 नागरिक इस दौरान मारे गए। जबकि पीएम शहबाज शरीफ ने खुद कहा है कि ट्रेन में 440 लोग सवार थे। अब सवाल ये है कि 80 लोग कहां चले गए। आखिर सरकार और सेना इस बात को साफ करे कि कितने लोग ट्रेन में थे, कितने लोग मारे गए और कितने बचाए गए। अगर 70-80 का फर्क बयानों में आ रहा है तब फिर कैसे सवाल नहीं उठेंगे। हमें संजीदगी दिखाने की जरूरत है, ये सीरियस मामला है।
दरअसल पाकिस्तान की सेना ने बताया कि बलूचिस्तान प्रांत में बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के लड़ाकों ने जफर एक्सप्रेस ट्रेन को रोकते हुए यात्रियों को बंधक बना लिया था। बोलन जिले के एक दुर्गम पहाड़ी रास्ते में 440 से यात्रियों को बंधक बनाया था। पाक सुरक्षाबलों ने करीब 36 घंटे तक चले संघर्ष के बाद ट्रेन और यात्रियों को छुड़ाया है। पाक सेना का दावा है कि ऑपरेशन में 33 हमलावर मार गिराए। वहीं 21 यात्रियों की जान गई और चार सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई।
पाकिस्तानी सेना के दावे के उलट बलूच लिबरेशन आर्मी ने 214 बंधकों को मारने का दावा किया है। शुक्रवार को जारी बयान में बीएलए ने बताया कि उसके लड़ाकों ने 214 को मारा है, जो सभी पाकिस्तानी सेना के जवान हैं। इतना ही नहीं ट्रेन से निकले यात्रियों ने भी कैमरे पर कहा है कि वह खुद निकलकर आए हैं ना कि उन्हें किसी ने छुड़ाया है।